दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली । 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में गुजरात के सूरत शहर के वराछा क्षेत्र निवासी शैलेश कालठिया की हत्या कर दी गई।
शैलेश के बेटे, नक्ष कालठिया ने घटना का दर्दनाक विवरण साझा करते हुए कहा,
"हम पहलगाम के 'मिनी स्विट्ज़रलैंड' पॉइंट पर थे। तभी गोलियों की आवाज़ें सुनाई दीं... हमें जब पता चला कि आतंकी आ गए हैं, तो हम छिप गए। लेकिन उन्होंने हमें ढूंढ लिया। हमने दो आतंकियों को देखा। मैंने सुना कि उनमें से एक ने सभी पुरुषों को हिंदू और मुस्लिम में बांटने का आदेश दिया, और फिर सभी हिंदू पुरुषों को गोली मार दी।"
उन्होंने आगे बताया, "आतंकियों ने सभी पुरुषों से तीन बार 'कलमा' पढ़ने को कहा... जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई। आतंकियों के जाने के बाद स्थानीय लोग आए और कहा कि जो भी जिंदा बचे हैं, वे तुरंत नीचे उतर जाएं। हम नीचे उतरने के करीब एक घंटे बाद सेना पहुंची।"
"वे (आतंकी) मेरे पिता को कुछ बोलने ही नहीं दे रहे थे... मेरी मां से उन्होंने कुछ नहीं कहा... उनमें से एक आतंकी गोरा था, दाढ़ी थी और उसके सिर पर एक कैमरा बंधा हुआ था... उन्होंने महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया।"
#WATCH | Surat, Gujarat | Shailesh Kalthia, a native of Varachha area of Surat city, was killed in the Pahalgam terror attack on 22nd April.
— ANI (@ANI) April 24, 2025
His son, Naksh Kalthia, says, "We were at the 'mini Switzerland' point in Pahalgam, J&K. We heard gunshots... We hid once we realised… pic.twitter.com/t0tKrc5dtI