दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश में सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग के जरिए हो रही भर्तियों को लेकर अजाक्स संघ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। संघ ने इस प्रणाली को "मानव तस्करी जैसा अमानवीय व्यवहार" करार देते हुए जनहित याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि सरकार के पास पहले से स्वीकृत पद और वेतनमान तय हैं, फिर भी कर्मचारियों को निजी एजेंसियों के माध्यम से ठेके पर रखा जा रहा है, जो असंवैधानिक है। एजेंसियां कम वेतन देती हैं, बिना किसी कानूनी सुरक्षा के कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देती हैं, जिससे उनका शोषण हो रहा है।
वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने बताया कि यह प्रक्रिया कर्मचारियों को वस्तु की तरह खरीदने-बेचने जैसी है। न तो उन्हें न्यायालय जाने का अधिकार है, न ही अपने हक की आवाज उठाने की छूट। उल्लेखनीय है कि वित्त विभाग द्वारा 31 मार्च 2023 को जारी अधिसूचना के तहत राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को चतुर्थ श्रेणी जैसे पदों के लिए निजी एजेंसियों से कर्मचारी लेने की अनुमति दी गई थी। इस जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में 5 मई को सुनवाई होगी।