दैनिक सांध्य बन्धु तेहरान/तेल अवीव। पश्चिम एशिया इस समय युद्ध के भयावह साये में है। इजराइल और ईरान के बीच बीते 65 घंटे से चल रही जंग ने अब बेहद खतरनाक मोड़ ले लिया है। इजराइल ने रविवार को एक बार फिर ईरान के न्यूक्लियर और मिलिट्री ठिकानों पर भीषण एयरस्ट्राइक की, जिसमें अब तक 140 से ज्यादा ईरानी मारे जा चुके हैं। मृतकों में 14 परमाणु वैज्ञानिक और 20 से अधिक मिलिट्री कमांडर शामिल हैं। वहीं, ईरान ने जवाबी हमले में इजराइल के कई शहरों पर सैकड़ों मिसाइलें बरसाईं, जिससे 14 लोगों की मौत हो गई और करीब 380 घायल हैं।
इजराइल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत लगभग 200 फाइटर जेट्स से हमला किया और तेहरान, बुशहर, इस्फहान जैसे शहरों में मौजूद ऑयल डिपो, गैस रिफाइनरी और मिसाइल बेस को निशाना बनाया। ईरान का दावा है कि उसने अब तक 44 इजराइली ड्रोन और क्वाडकॉप्टर को मार गिराया, साथ ही इजराइल के तीन F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स को भी नष्ट किया है।
ईरान ने अपने जवाबी ऑपरेशन को 'ट्रू प्रॉमिस थ्री' नाम दिया है और दावा किया कि उसकी बैलिस्टिक मिसाइलों ने इजराइली रक्षा मंत्रालय को भी टारगेट किया है। इस हमले के बाद इजराइली राष्ट्रपति को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर हालात की जानकारी दी।
इस बीच अमेरिका और ईरान के बीच चल रही न्यूक्लियर डील की वार्ता भी अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दी गई है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने परमाणु समझौता नहीं किया तो "बड़ा हमला" किया जाएगा।
मौजूदा हालात में दोनों देशों के बीच तनाव किसी भी वक्त खुले युद्ध में तब्दील हो सकता है। ऐसे में वैश्विक शक्तियों की निगाहें इस संघर्ष पर टिकी हैं, जो न सिर्फ मध्य-पूर्व, बल्कि पूरी दुनिया की शांति के लिए खतरे की घंटी बन चुका है।