आरपीएफ ने इस कार्रवाई के तहत 9 अवैध वेंडरों को जबलपुर रेलवे स्टेशन पर दबोचा, जबकि बेस किचन संचालक जियाउल हक मंसूरी उर्फ रिंकू और विनायक रजक समेत कुल 7 लोगों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 144, 137 और 145 के तहत मामला दर्ज किया गया है। कार्रवाई के दौरान किचन से बड़ी मात्रा में खाद्य सामग्री, खाना बनाने के उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए।
कैसे फूटा रैकेट का भंडाफोड़?
आरपीएफ पोस्ट प्रभारी राजीव खरब के अनुसार, जबलपुर रेलवे स्टेशन पर अवैध तरीके से फूड सप्लाई किए जाने की सूचना लंबे समय से मिल रही थी। इसके बाद उप निरीक्षक अरविंद कुमार सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई जिसमें उनि. आर. प्रवीण कुमार, सनि सुखराम बेन, आर. प्रवीण उपाध्याय, प्रआ. जितेन्द्र सिंह, प्रआ. हरबंश बघेल, आ. पंकज सिंह, आ. हरिकेश दुबे व आरक्षक सूर्यनाथ यादव शामिल थे।
टीम ने जबलपुर रेलवे स्टेशन पर सघन घेराबंदी करते हुए 9 अवैध वेंडरों को पकड़ा जिनमें अभिषेक वर्मा, मोहन कुशवाहा, हिमांशु जायसवाल, संदीप साकेत, प्रदीप रजक, गणेश प्रसाद, कृष्ण कुमार कोल, लखन लालवानी, विकास बनासी व आकाशपुरी शामिल हैं।
कमीशन के लालच में चल रहा था पूरा खेल
पूछताछ में वेंडरों ने स्वीकार किया कि वे सिविल लाइंस स्थित पोस्ट ऑफिस के पास रिंकू मंसूरी द्वारा संचालित बेस किचन से भोजन लेकर स्टेशन पर सप्लाई करते थे, जिसके बदले में उन्हें कमीशन मिलता था। इसी सूचना के आधार पर आरपीएफ टीम ने फूड इंस्पेक्टर मधुरी मिश्रा व सिविल लाइन थाना पुलिस के साथ संयुक्त रूप से बेस किचन पर छापा मारा।
जांच में किचन का फूड लाइसेंस अवैध पाया गया और वहां मौजूद खाद्य सामग्री के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। किचन में साफ-सफाई और गुणवत्ता की स्थिति भी मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई।