दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शुद्ध हवा के नाम पर जबलपुर नगर निगम को केंद्र सरकार से मिले 40 करोड़ रुपए के फंड का दुरुपयोग हुआ है। यह आरोप नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा ने दस्तावेजों के साथ लगाए हैं। उनका दावा है कि करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए, लेकिन न तो वायु गुणवत्ता सुधरी, न ही लगाए गए उपकरण और योजनाएं ज़मीन पर दिखीं। नगर निगम ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
बंद पड़ा मॉनिटरिंग सिस्टम, फिर भी पौने दो करोड़ की पेमेंट
नगर निगम के दस्तावेजों के अनुसार तीन स्थानों पर वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए गए, जिन पर करीब 2.75 करोड़ रुपए खर्च हुए। इनमें से इलाहाबाद चौक और मेडिकल क्षेत्र के मॉनिटरिंग सिस्टम लंबे समय से बंद हैं। इसके बावजूद संबंधित कंसल्टेंसी फर्म को 1.85 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया।
फव्वारे कबाड़ में, खर्च 40 लाख रुपए
वायु को शुद्ध करने के लिए चार स्थानों पर 40 लाख रुपए खर्च कर फव्वारे लगाए गए, लेकिन ये फव्वारे बंद पड़े हैं और जिन जगहों पर लगाए गए, वहां पर भी लोगों की आवाजाही कम है। नगर निगम के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर कमलेश श्रीवास्तव तक को याद नहीं कि ये कहां-कहां लगे हैं।
फिल्म-नुक्कड़ नाटक पर लाखों खर्च, कोई प्रमाण नहीं
नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि वायु गुणवत्ता को लेकर बनाई गई एक फिल्म पर 1 करोड़ रुपए, स्लोगन पेंटिंग पर 30 लाख और नुक्कड़ नाटक पर 30 लाख रुपए खर्च किए गए, लेकिन फिल्म कहां दिखाई गई, नुक्कड़ नाटक कहां हुए, इसका कोई रिकॉर्ड या प्रमाण नहीं है।
52 तालाबों वाला शहर, अब धूल-धुएं का अड्डा
एक समय जबलपुर अपनी हरियाली और 52 तालाबों के लिए प्रसिद्ध था। आज स्थिति यह है कि तालाबों को पाटकर कॉलोनियां बना दी गईं, पेड़ कटे, और पहाड़ियां समतल कर दी गईं। इसके कारण शहर का प्राकृतिक संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया है।
शहर की हवा में कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, क्लोरोफ्लोरो कार्बन, धूल और धुआं भर चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 300 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जो अब मिलना मुश्किल हो गया है।
सभी विभागों की ज़िम्मेदारी, अकेले नगर निगम नहीं
इन आरोपों पर नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी संभव अयाची ने कहा कि वायु गुणवत्ता सुधारना सिर्फ नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं है, इसमें अन्य विभागों की भागीदारी भी होती है।
विपक्ष की मांग- लोकायुक्त से हो निष्पक्ष जांच
नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा ने इन तमाम अनियमितताओं को लेकर लोकायुक्त से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जबलपुर की हवा बिगड़ रही है और अधिकारी कागज़ी योजनाओं और फर्जी खर्चों में व्यस्त हैं।