दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) घनश्याम सोनी का ट्रांसफर 6 जून 2025 को भोपाल के मदरसा बोर्ड में किया जा चुका है, लेकिन 20 दिन बीतने के बावजूद वे जबलपुर की कुर्सी नहीं छोड़ रहे हैं। इसको लेकर सोमवार शाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा के नेतृत्व में जिला शिक्षा कार्यालय का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की।
हंगामे के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता जबरन कार्यालय के भीतर घुसने की कोशिश करने लगे, जिन्हें पुलिस ने गेट बंद करके रोका। कांग्रेस का आरोप है कि घनश्याम सोनी पिछले 20 सालों से जबलपुर जिले में ही अलग-अलग पदों पर तैनात हैं और अब ट्रांसफर के बावजूद जबरदस्ती कुर्सी से चिपके हुए हैं।
लोकायुक्त में भी चल रही है जांच
नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा कि घनश्याम सोनी के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत भी दर्ज है और जांच चल रही है। उन पर शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं। कांग्रेस का कहना है कि सोनी के रहते जबलपुर की शिक्षा व्यवस्था बर्बाद हो रही है और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
"अगर ईमानदार हैं, तो उज्जैन भेज दें"
सौरभ शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि अगर घनश्याम सोनी इतने ही योग्य और ईमानदार अधिकारी हैं, तो मुख्यमंत्री मोहन यादव उन्हें अपने गृह जिले उज्जैन में पदस्थ करवा दें। वहां जाकर कुछ ही दिनों में उनके ‘कारनामे’ उजागर हो जाएंगे।
सौरभ शर्मा का कहना है कि डीईओ के खिलाफ हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं। जिले में शिक्षा से जुड़े जितने भी घोटाले सामने आए हैं, उनमें सोनी का नाम किसी न किसी रूप में जरूर रहा है। जनता को लगा था कि ट्रांसफर के बाद अब राहत मिलेगी, लेकिन जिला कलेक्टर उन्हें रिलीव करने में असफल साबित हो रहे हैं।
20 साल से जबलपुर में जमे हैं DEO
कांग्रेस का आरोप है कि घनश्याम सोनी बीते दो दशकों से जबलपुर में ही नौकरी कर रहे हैं। शिक्षक, प्राचार्य और फिर जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में वे लगातार जिले में पदस्थ रहे हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि उन्हें तत्काल जबलपुर से कार्यमुक्त किया जाए, अन्यथा आंदोलन और तेज किया जाएगा।