दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश में शराब की अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक कीमत पर बिक्री के मामले में अब हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है। जबलपुर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ शामिल हैं, ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 1 अप्रैल से 15 जून 2025 तक की गई कार्रवाई का पूरा ब्योरा मांगा है।
जनहित याचिका में लगाया सिंडीकेट बनाकर लूट का आरोप
यह मामला जनहित याचिका के माध्यम से अधिवक्ता दीपांशु साहू द्वारा उठाया गया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश के कई शराब ठेकेदारों ने सिंडीकेट बनाकर एमआरपी से ऊंची दरों पर शराब बेची और उपभोक्ताओं से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की। उन्होंने यह भी कहा कि आबकारी विभाग को बार-बार शिकायत देने के बावजूद न तो इस पर अंकुश लगाया गया और न ही कोई ठोस कार्रवाई की गई।
हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि इस अवधि में एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब बिक्री की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं और उन पर क्या कार्रवाई की गई। साथ ही, छापेमारी की संख्या, उनके परिणाम और संबंधित दुकानों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने यह भी जानना चाहा है कि याचिकाकर्ता द्वारा दी गई शिकायतों पर क्या अंतिम निर्णय लिया गया।
शराब ठेकेदारों की मनमानी पर उठे सवाल
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि राज्य में कई शराब दुकानों पर खुलेआम ऊंचे दामों पर शराब बेची जा रही है और सरकार इस पर मौन है। जनता से की जा रही इस लूट को रोकने के लिए न्यायालय से मूल्य निर्धारण नियमों के सख्त पालन के निर्देश देने की मांग की गई।
अगली सुनवाई में पेश करना होगा हलफनामा
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगली सुनवाई तक राज्य सरकार को पूरी रिपोर्ट हलफनामे के रूप में प्रस्तुत करनी होगी। इसमें बताना होगा कि कितने मामलों में एमआरपी उल्लंघन हुआ और किनके खिलाफ क्या एक्शन लिया गया।