दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। रेल यात्रा के दौरान फर्जी आईडी का इस्तेमाल अब भारी पड़ सकता है। पश्चिम मध्य रेलवे ने नई सख्ती करते हुए निर्देश जारी किए हैं कि अब टीटीई यात्रियों की पहचान mAadhaar ऐप के जरिए करेंगे। इसका उद्देश्य ट्रेनों में फर्जी पहचान पत्र के दुरुपयोग को रोकना और यात्रा को सुरक्षित बनाना है।
चलती ट्रेन में होगा आधार से सत्यापन
अब टीटीई यात्रियों के आधार कार्ड को mAadhaar App से स्कैन कर उनकी पहचान की पुष्टि करेंगे। यह ऐप बिना इंटरनेट के भी काम करता है, जिससे चलती ट्रेन में भी यह प्रक्रिया संभव हो सकेगी। एक बार क्यूआर कोड स्कैन होते ही टीटीई के मोबाइल स्क्रीन पर यात्री का नाम, फोटो, जन्मतिथि और पता जैसी पूरी जानकारी आ जाएगी।
पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई
यदि कोई यात्री फर्जी या किसी अन्य व्यक्ति के आधार कार्ड से यात्रा करता पाया गया, तो उसे तुरंत रेलवे पुलिस (जीआरपी) के हवाले कर दिया जाएगा। इस व्यवस्था को सभी रेल मंडलों में सख्ती से लागू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
क्यों उठाया रेलवे ने यह कदम?
रेलवे को यह शिकायतें मिली थीं कि कुछ यात्री जाली पहचान पत्रों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे न सिर्फ सुरक्षा प्रभावित हो रही थी बल्कि टिकट बुकिंग में भी फर्जीवाड़ा हो रहा था। mAadhaar ऐप के जरिए पहचान सत्यापन से न केवल आधार का दुरुपयोग रुकेगा, बल्कि रेलवे टिकट प्रणाली अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बन सकेगी।
जल्द ही HHT डिवाइस से भी होगा लिंक
रेलवे बोर्ड इस सुविधा को जल्द ही टीटीई के पास मौजूद हैंड हेल्ड टर्मिनल (HHT) डिवाइस से लिंक करने की तैयारी में है। इससे पूरी जांच प्रक्रिया और तेज और सटीक हो जाएगी।