Jabalpur news : रक्षाबंधन पर जेल में बदल गया भाई-बहन के प्यार का अंदाज़, नहीं बांध सकेंगी मनपसंद राखी, न खिला सकेंगी घर की मिठाई



रक्षाबंधन पर केंद्रीय जेल जबलपुर में कसे नियमों के शिकंजे, सीलबंद किट से ही होगा राखी का त्योहार


 दैनिक सांध्य बन्धु  जबलपुर। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के प्रतीक पर्व रक्षाबंधन पर इस बार जबलपुर की नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय कारागार में बंदियों और उनकी बहनों के मिलने का अंदाज़ बदला-बदला होगा। जेल प्रशासन ने इस बार सख्ती बढ़ाते हुए बाहर से लाई गई राखियों और मिठाइयों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यानी अब बहनें न तो अपनी पसंद की राखी लेकर जा सकेंगी, न ही अपने हाथों से बनाई गई मिठाईयां भाई को खिला सकेंगी।

इसकी जगह जेल प्रशासन ने 50 रुपए में एक सीलबंद 'राखी किट' तैयार की है, जिसे बहनें जेल परिसर में स्थित कैंटीन से खरीद सकेंगी। इस किट में एक राखी, रूमाल, कुमकुम, पेड़ा और एक फल शामिल होगा। प्रशासन का कहना है कि यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया है, जिससे किसी भी प्रकार की अवांछनीय वस्तु जेल के भीतर न पहुंच सके।

रक्षाबंधन पर ऐसे होगी मुलाकात
जेल प्रबंधन ने रक्षाबंधन को लेकर कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।


सुबह 6 से 11 बजे तक खुली मुलाकात के लिए नाम दर्ज कराना अनिवार्य होगा।

मुलाकात के दौरान सिर्फ महिलाएं और उनके साथ पांच वर्ष तक के बच्चे ही प्रवेश पा सकेंगे।

महिला बंदियों की उनके भाइयों से मुलाकात अलग व्यवस्था के तहत करवाई जाएगी।

लाए प्रतिबंधित सामग्री, तो होगी कार्रवाई
जेल प्रशासन ने साफ चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति बाहर से कोई प्रतिबंधित वस्तु लेकर आता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हर साल रक्षाबंधन पर जेलों में भावनाओं का सैलाब देखने को मिलता था, जहां बहनें रंग-बिरंगी राखियां और घर की बनी मिठाइयों से भाई की कलाई सजाती थीं। लेकिन इस बार जेल के भीतर त्योहार का मिजाज बदला-बदला रहेगा न स्वाद वही होगा, न एहसास। भाई-बहन का यह त्योहार अब जेल की तयशुदा शर्तों में सिमट जाएगा।

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