भोपाल |मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को उसका 29वां मुख्य न्यायाधीश मिला। वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल के समक्ष राजभवन में आयोजित गरिमामय समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस अवसर पर न्यायिक और प्रशासनिक जगत के कई वरिष्ठ चेहरे मौजूद रहे जिनमें हाईकोर्ट के न्यायाधीश, राज्य सरकार के प्रतिनिधि और विधि समुदाय के विशिष्ट सदस्य शामिल थे।
दिल्ली से जबलपुर तक: न्याय की दिशा में एक लंबी पदयात्रा
26 दिसंबर 1964 को दिल्ली में जन्मे संजीव सचदेवा का न्यायिक सफर पेशेवर ईमानदारी, व्यापक कानूनी दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय अनुभव का उदाहरण रहा है। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बी.कॉम (ऑनर्स) और दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई के बाद वे 1988 में दिल्ली बार काउंसिल से जुड़े।
वर्ष 1995 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के रूप में मान्यता मिली, और यहीं से उनकी पहचान एक सधे हुए संवैधानिक विशेषज्ञ के रूप में स्थापित हुई।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी कानून की गूंज
वर्ष 1992 में ब्रिटिश काउंसिल की छात्रवृत्ति पर वे इंग्लैंड गए, जहाँ "कॉमनवेल्थ यंग लॉयर्स" कोर्स के तहत लंदन विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण लिया। सॉलिसिटर और बैरिस्टर के साथ काम कर उन्होंने न केवल भारत के बल्कि कॉमन लॉ सिस्टम के भी महत्वपूर्ण पहलुओं को गहराई से समझा। यह अनुभव आगे चलकर उन्हें एक दूरदर्शी न्यायाधीश के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध हुआ।
दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर मध्यप्रदेश तक की न्यायिक नियुक्तियाँ
17 अप्रैल 2013 को उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया, और दो वर्षों के भीतर 2015 में वे स्थायी न्यायाधीश बने। मई 2024 में उनका तबादला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में हुआ। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में वे 2024 और 2025 में पहले ही अपनी कार्यकुशलता और संतुलित नेतृत्व का परिचय दे चुके हैं।
सुरेश कैत के बाद सौंपी गई जिम्मेदारी
पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के 24 मई 2025 को सेवानिवृत्त होने के बाद, जस्टिस संजीव सचदेवा को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का दायित्व सौंपा गया था। अब राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद उन्हें पूर्णकालिक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया गया है।
मप्र हाईकोर्ट को मिला एक और न्यायाधीश
मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के साथ ही केंद्र सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट में पदस्थ रहे न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह को भी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया है। इसके साथ ही अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 हो गई है।