News update: रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी का भंडाफोड़: साड़ी फैक्ट्रियों में बालश्रम के लिए ले जाए जा रहे थे 20 नाबालिग, 6 तस्कर गिरफ्तार



दैनिक सांध्य बन्धु (एजेन्सी )विदिशा  मध्यप्रदेश। रेलवे की पटरियों पर दौड़ती एक ट्रेन के भीतर बाल भविष्य को निगलने की तैयारी थी, लेकिन समय रहते एक साहसिक कार्रवाई ने मानव तस्करी के इस नेटवर्क को बेनकाब कर दिया। विदिशा रेलवे स्टेशन पर मंगलवार सुबह एक संयुक्त अभियान में 20 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया गया, जिन्हें कथित तौर पर सूरत की साड़ी फैक्ट्रियों में जबरन बालश्रम के लिए ले जाया जा रहा था। इस पूरे ऑपरेशन में 6 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ आरोपी अंधेरे और भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गए।

सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और विदिशा सोशल वेलफेयर सोसाइटी की संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर की। इन बच्चों की उम्र 10 से 16 वर्ष के बीच है और सभी बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं। तस्करों की योजना थी कि इन्हें पहले मुंबई और फिर वहां से सूरत पहुंचाकर बंधुआ मजदूरी करवाई जाए।

सुबह 5 बजे रोकी गई ट्रेन, बच्चों को निकाला गया बाहर

सोशल वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष दीपा शर्मा के अनुसार, उन्हें बीती रात सूचना मिली थी कि एक विशेष ट्रेन में बड़ी संख्या में नाबालिग बच्चों को ले जाया जा रहा है। इसके बाद पूरी रात स्टेशन पर निगरानी की गई। जैसे ही सुबह करीब 5 बजे संदिग्ध ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुंची, तत्काल चेन पुलिंग कर उसे रोका गया। ट्रेन से कुल 34 लोगों को उतारा गया, जिनमें 20 बच्चे नाबालिग पाए गए। कुछ बच्चे ट्रेन में आगे उज्जैन की ओर बढ़ चुके थे, जिन्हें स्थानीय पुलिस ने वहां रोका।

पूछताछ में बालश्रम की पुष्टि, नेटवर्क की तलाश में जुटा प्रशासन

जीआरपी थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ है कि बच्चों को भारी कमाई का झांसा देकर तस्करी की जा रही थी। गिरफ्तार तस्करों से गहन पूछताछ की जा रही है ताकि इस नेटवर्क की जड़ें उजागर की जा सकें। बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर अस्थायी रूप से बाल संप्रेषण गृह भेजा जा रहा है। जांच के बाद ही तय किया जाएगा कि बच्चों को परिजनों को सौंपा जाएगा या उन्हें संरक्षण की आवश्यकता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post