MP News: अब मेडिकल स्टोर्स पर 'डिस्काउंट' का खेल खत्म! फार्मेसी काउंसिल सख्त, 80% छूट के बोर्ड हटाने का अल्टीमेटम

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश में फार्मेसी काउंसिल ने अब मेडिकल स्टोरों पर दवाईयों के नाम पर मिलने वाले भारी डिस्काउंट पर शिकंजा कस दिया है। फॉर्मेसी काउंसिल ने प्रदेशभर के मेडिकल संचालकों को नोटिस जारी करते हुए 10% से लेकर 80% तक की छूट के विज्ञापन हटाने का निर्देश दिया है। काउंसिल ने चेतावनी दी है कि यदि डिस्काउंट के बोर्ड नहीं हटाए गए, तो न केवल मेडिकल स्टोर का पंजीकरण रद्द किया जाएगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

बीते वर्षों में भारी छूट के लालच में कई बार नकली दवाओं की बिक्री की शिकायतें सामने आई थीं। मरीजों की सेहत से खिलवाड़ को रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह नियम लागू किया गया है। हालांकि, जो सामान्य छूट पहले मिल रही थी, उस पर यह आदेश लागू नहीं होगा।

काउंसिल के अनुसार, फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 के तहत इस तरह के छूट वाले विज्ञापन अनैतिक और अवैध हैं। स्टोर्स संचालकों को 15 दिन का समय दिया गया है, उसके बाद बोर्ड न हटाने वालों के खिलाफ रजिस्ट्रेशन रद्द करने तक की कार्रवाई की जाएगी।

फॉर्मेसी काउंसिल का यह निर्णय छोटे मेडिकल दुकानदारों को राहत देने वाला माना जा रहा है, जो लंबे समय से बड़े कारोबारियों की डिस्काउंट नीति से नुकसान उठा रहे थे। यह कदम प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4 के उल्लंघन को रोकने की दिशा में उठाया गया है।

मध्यप्रदेश केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे दवा विक्रेताओं के हित में ऐतिहासिक बताया है। देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर अब मध्यप्रदेश में भी डिस्काउंट के नाम पर भ्रम फैलाने वाले मेडिकल स्टोर्स पर अंकुश लगेगा।

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