Jabalpur News: आबकारी विभाग पर आरोप 2.60 करोड़ अवैध वसूली को लेकर बवाल, गद्दीदार से सहायक आबकारी आयुक्त ने की मारपीट ; देखे वीडियो

ठेकेदार ने आबकारी अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप, जांच की मांग 

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर।  बरेला क्षेत्र में आबकारी वसूली को लेकर एक गंभीर विवाद सामने आया है, जिसने प्रशासन और आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बरेला शराब समूह की दुकानों में घुसकर मारपीट, गाली-गलौज और दबाव बनाने की कार्रवाई की। इस घटनाक्रम से संबंधित वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें कथित रूप से सहायक आबकारी आयुक्त और अन्य अधिकारी हाथापाई करते दिख रहे हैं।

ठेकेदार ने लगाए गंभीर आरोप

ठेकेदार का आरोप है कि हर माह आबकारी वसूली के रूप में 2 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि तय होती है, जिसमें से बरेला समूह के हिस्से की रकम समय पर नहीं दी गई। इसी को लेकर सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे, सहायक जिला आबकारी अधिकारी इंद्रेश तिवारी, उनके निजी चालक और एक आरक्षक ने मिलकर दुकानों में घुसकर विवाद खड़ा कर दिया। ठेकेदार ने यह भी दावा किया कि यह कार्रवाई दबाव बनाने और मनमानी वसूली सुनिश्चित करने के लिए की गई। ठेकेदार ने कहा कि  सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे ने ठेकेदारों पर कलेक्टर रेट से जायदा रेट पर शराब बेचने का दबाव बनाया जा रहा है उनके द्वारा  देशी पाव में 15 रुपए और अग्रेजी पाव में 30 रुपए और 20 रुपए बियर में बढ़कर बेचने पर मना करने पर उनके परमिट पर डिपो से निकासी बंद कर दी है 

वायरल वीडियो में दिखा पूरा घटनाक्रम

घटना के वीडियो और कुछ ऑडियो क्लिप सामने आए हैं, जिनमें अधिकारी स्पष्ट रूप से दुकान परिसर में घुसकर गाली-गलौज और हाथापाई करते देखे जा सकते हैं। ठेकेदार पक्ष ने यह रिकॉर्डिंग बरेला थाना पुलिस और आबकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को सौंपी है। शिकायत में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।

प्रशासन की चुप्पी, शराब ठेकेदारों में तनाव 

घटना के बाद स्थानीय स्तर पर शराब ठेकेदारों में  तनाव की स्थिति बनी हुई है। हालांकि अब तक जिला प्रशासन या आबकारी विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। आरोपित अधिकारी इस पूरे विवाद पर मौन हैं, जबकि ठेकेदार पक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह "दबाव और बदले की कार्रवाई है, जो नियमों की खुली धज्जियां उड़ाने जैसा है।

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