जबलपुर। गोराबाजार मुख्य मार्ग पर स्थित वर्षों पुराने पहलवान बाबा (मढ़िया) मंदिर को हटाने की कार्रवाई बुधवार को विवाद का रूप ले बैठी। कैंट बोर्ड और आर्मी स्टेशन सेल का अमला दोपहर करीब 12 बजे मंदिर स्थल पर पहुंचा, लेकिन स्थानीय नागरिकों के कड़े विरोध के चलते उन्हें बिना कार्रवाई के लौटना पड़ा।
मंदिर, जो नेशनल हाईवे 12-A और आर्मी सेंटर के समीप स्थित खुली ज़मीन पर स्थित है, को लेकर विवाद तब गहराया जब कैंट बोर्ड की टीम उसे अतिक्रमण मानकर हटाने पहुंची। लेकिन क्षेत्रवासियों ने यह कहते हुए विरोध किया कि यह भूमि कैंट बोर्ड की नहीं, बल्कि सार्वजनिक या निजी स्वामित्व की हो सकती है, जिस पर मंदिर वर्षों से स्थापित है।
स्थिति को बिगड़ते देख मामले की जानकारी सीधे कैंट बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर दिनेश कुमार झांगू को दी गई। उन्होंने एसडीएम कैंट से संपर्क साधते हुए ज़िला प्रशासन से मौके पर सक्षम अधिकारी भेजने का अनुरोध किया।
करीब तीन घंटे बाद दोपहर तीन बजे तहसीलदार मौके पर पहुंचे और उन्होंने दोनों पक्षों कैंट बोर्ड अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों से बातचीत की। चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि पहले भूमि के स्वामित्व की वैधानिक स्थिति स्पष्ट की जाएगी, उसके पश्चात ही मंदिर हटाने या न हटाने को लेकर कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
स्थानीय लोगों ने मंदिर को आस्था का प्रतीक बताते हुए प्रशासन से धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने की अपील की है। वहीं, कैंट बोर्ड फिलहाल विवादित ज़मीन को लेकर दस्तावेज़ी साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया में जुट गया है।