दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश में सहारा ग्रुप के खिलाफ एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने भोपाल, जबलपुर और कटनी में लगभग 1000 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन मात्र 98 करोड़ में बेचने के मामले में FIR दर्ज कर ली है। यह FIR शुक्रवार शाम को की गई, जिसकी शिकायत आशुतोष मनु दीक्षित ने की थी।
कोर्ट के आदेशों की उड़ाई गई धज्जियां
इस जमीन सौदे में सुप्रीम कोर्ट और SEBI की गाइडलाइनों का उल्लंघन हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति दी थी, पर शर्त यह थी कि पूरी राशि सीधे मुंबई स्थित SEBI-सहारा रिफंड खाते में जमा कराई जाए। लेकिन ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि राशि को शैल कंपनियों और निजी खातों में भेजा गया।
72.82 करोड़ रुपए का गबन
EOW की रिपोर्ट के अनुसार, सहारा ग्रुप ने भोपाल, जबलपुर और कटनी की जमीन बेचकर 72.82 करोड़ रुपए का गबन किया है।
जांच में सामने आया कि:
जबलपुर और कटनी की जमीन बिक्री में कॉर्पोरेट कंट्रोल मैनेजमेंट प्रमुख सीमांतो रॉय सीधे तौर पर शामिल थे।
भोपाल के सौदों में डीजीएम जेबी रॉय, और सागर में डिप्टी मैनेजिंग वर्कर ओपी श्रीवास्तव की अहम भूमिका थी।
दोहरे तरीके से की गई धोखाधड़ी
1. भोपाल और सागर में 62.52 करोड़ रुपए की बिक्री राशि SEBI खाते में नहीं जमा की गई।
2. जबलपुर, कटनी और ग्वालियर में 10.29 करोड़ की अवैध कटौतियों के जरिए हेराफेरी की गई।
निवेशकों को नहीं मिला पैसा
सहारा समूह ने जमीन बेचने के बाद भी निवेशकों को उनका पैसा नहीं लौटाया। जबकि 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि प्रॉपर्टी बेचकर प्राप्त रकम सीधे सेबी-सहारा खाते में जमा हो और निवेशकों को भुगतान हो।
फरवरी से चल रही थी जांच, 9 लोगों से हुई पूछताछ
EOW ने इस साल फरवरी में प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी दर्ज कर जांच शुरू की थी। क्रेता और विक्रेता पक्ष के 9 लोगों से पूछताछ के बाद FIR दर्ज की गई है।