दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। छतरपुर जिले के बहुचर्चित डॉ. नीरज पाठक हत्याकांड में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी प्रोफेसर पत्नी ममता पाठक की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने उन्हें तत्काल ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने यह फैसला 29 अप्रैल 2025 को सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा था, जिसे मंगलवार को सार्वजनिक किया गया।
कोर्ट में पेश की गई जानकारी के मुताबिक, ममता पाठक ने अपने डॉक्टर पति को पहले नींद की गोलियां देकर बेहोश किया और फिर इलेक्ट्रिक करंट से उनकी हत्या कर दी। यह वारदात 29 अप्रैल 2021 की रात को हुई थी। पति की लाश मिलने के बाद ममता ने पुलिस को सूचना दी थी कि वे बुखार से पीड़ित थे और बिना रिस्पॉन्स के मृत अवस्था में मिले।
डॉ. नीरज और ममता पाठक के बीच पिछले दो दशकों से वैवाहिक तनाव चल रहा था। ममता को शक था कि उनके पति के किसी महिला से अवैध संबंध हैं। इस आधार पर उन्होंने कई बार पुलिस और वरिष्ठ अफसरों से शिकायत की थी, लेकिन जांच में आरोप निराधार पाए गए।
डॉ. नीरज पाठक जिला अस्पताल छतरपुर में मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ थे। पत्नी से विवादों के चलते उन्होंने दो साल पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले लिया था और घर से ही मरीजों का इलाज कर रहे थे।
सेशन कोर्ट में पुलिस ने ड्राइवर के बयान, वायरल ऑडियो क्लिप, ममता की पुरानी शिकायतें और फॉरेंसिक रिपोर्ट जैसे साक्ष्य पेश किए थे। ऑडियो में डॉ. नीरज ने पत्नी की प्रताड़ना का जिक्र किया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी करंट लगने से मौत की पुष्टि हुई थी।
ममता पाठक ने हाईकोर्ट में रासायनिक विश्लेषण पर आधारित दलीलें दीं और कहा कि थर्मल बर्न और इलेक्ट्रिक बर्न में अंतर पहचानना मुश्किल होता है। लेकिन जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनकर इसे अपर्याप्त माना और सेशन कोर्ट की सजा को सही ठहराया।
कोर्ट ने ममता पाठक को तुरंत ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले उन्हें सजा पर अस्थायी राहत मिली थी, जिसे अब निरस्त कर दिया गया है। वे अब शेष उम्रकैद की सजा भुगतेंगी।