दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्य प्रदेश के लाखों राशन कार्डधारियों के लिए राहतभरी खबर सामने आई है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत अब राशन में 75% गेहूं और 25% चावल वितरित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर राज्य को हर महीने 1 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त गेहूं आवंटित करने की मंजूरी दी है। यह बदलाव उन शिकायतों के बाद किया गया है, जिनमें खुले बाजार में चावल की अवैध बिक्री की बात सामने आई थी।
पहले 40% गेहूं, अब मिलेगा 75% गेहूं
अब तक केंद्र से मध्य प्रदेश को 40% गेहूं और 60% चावल आवंटित किया जाता था, जिसके चलते लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 3 किलो चावल और सिर्फ 2 किलो गेहूं मिलता था। गेहूं की अधिक मांग और चावल की कालाबाज़ारी की शिकायतों के आधार पर राज्य सरकार ने केंद्र से इस व्यवस्था में बदलाव की मांग की थी।
मुख्यमंत्री की पहल, दिल्ली में उठाया मुद्दा
जानकारी के मुताबिक, यह मुद्दा मुख्यमंत्री मोहन यादव के संज्ञान में लाया गया था। इसके बाद दिल्ली दौरे के दौरान सीएम ने केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी से विशेष मुलाकात की और राज्य के लिए गेहूं आवंटन बढ़ाने की मांग की। केंद्र ने तत्काल इस पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए नया आवंटन आदेश जारी किया है।
अब क्या बदलेगा?
नई व्यवस्था में राशन कार्डधारियों को 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल मिलेगा।जो लाभार्थी चावल नहीं लेना चाहते, उन्हें 5 किलो गेहूं विकल्प के रूप में दिया जाएगा।
इससे राज्य को हर महीने 1 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त गेहूं प्राप्त होगा, जो लाभार्थियों की मांग और जरूरतों को पूरा करेगा।
कालाबाज़ारी पर लगेगी रोक
खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि चावल की ब्लैक मार्केटिंग की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। कई स्थानों पर यह देखा गया कि लाभार्थियों की जरूरत नहीं होने के बावजूद चावल बांटा जा रहा था, और बाद में यही चावल खुले बाजार में बेचा जा रहा था। यही कारण है कि राज्य सरकार ने केंद्र से गेहूं आवंटन बढ़ाने की मांग की थी।
मंत्री राजपूत ने स्पष्ट किया कि अब गेहूं की उपलब्धता में कोई कमी नहीं रहेगी और जो लोग चावल नहीं चाहते, उन्हें पूरा 5 किलो गेहूं दिया जाएगा।