दैनिक सांध्य बन्धु जब लपुर। मध्यप्रदेश में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक बयानबाजी तेज हो गई है। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल एनआरसी को लेकर न तो केंद्र सरकार ने कोई दिशा-निर्देश जारी किए हैं और न ही प्रदेश में ऐसी कोई प्रक्रिया शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि "किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर पैनिक नहीं फैलाना चाहिए।"
वहीं दूसरी ओर, प्रदेश के मुस्लिम समुदाय के प्रमुख धर्मगुरु मुफ्ती-ए-आजम डॉ. मौलाना मुशाहिद रजा ने पांच दिन पहले एक लिखित अपील जारी कर मुस्लिम समाज से जरूरी दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, स्कूल सर्टिफिकेट आदि तैयार रखने को कहा है। उनका कहना है कि आज नहीं तो कल हमें दस्तावेज दिखाने ही होंगे। ये कागजात एक दिन में नहीं बनते, इसलिए समय रहते तैयार रहें। उनकी मंशा डराने की नहीं बल्कि समाज को जागरूक करने की है। आज भी कई मुस्लिम भाई-बहन वोटर लिस्ट में नाम तक दर्ज नहीं करा पाए हैं, जो चिंताजनक है।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने इस अपील को उचित बताते हुए कहा कि लोगों को सरकार पर भरोसा नहीं है, क्योंकि पता नहीं सरकार कब कौन सा फैसला ले ले। मुफ्ती-ए-आजम की अपील सतर्कता का संदेश है, डर का नहीं। उन्होंने केंद्र सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया।
मौलाना चांद कादरी ने जताया भरोसा
इस बीच मौलाना चांद कादरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भरोसा जताते हुए कहा कि एनआरसी लागू हो सकती है, लेकिन भारत से किसी को निकाला नहीं जाएगा।