MP News: अफसरशाही का चेहरा उजागर, जनसुनवाई में अवैध कॉलोनी की शिकायत करने पहुंचे युवक से तहसीलदार की झूमाझटकी

दैनिक सांध्य बन्धु ग्वालियर। कलेक्ट्रेट में मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान अफसरशाही का तानाशाही रवैया एक बार फिर उजागर हुआ, जब अवैध कॉलोनी की शिकायत लेकर पहुंचे युवक से तहसीलदार भिड़ गईं और बात झूमाझटकी तक जा पहुंची। शिकायतकर्ता को न सिर्फ वहां से खदेड़ा गया, बल्कि पुलिस ने उसे थाने तक पहुंचा दिया।

मुरार तहसील क्षेत्र के करगवां निवासी मिथुन परिहार बीते तीन वर्षों से इलाके में बन रही अवैध कॉलोनी की शिकायत कर रहे हैं। मंगलवार को वह एक बार फिर इसी मुद्दे को लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे। मिथुन ने बताया कि जिस जमीन पर कॉलोनी बनाई जा रही है, वह आंशिक रूप से सरकारी है और स्थानीय लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है।

जनसुनवाई में मुरार तहसीलदार मधुलिका सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन मिथुन का कहना था कि उन्हें बीते तीन सालों से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। इस बात पर बहस बढ़ गई और आवाजें ऊंची होने लगीं। अफसरों को शिकायतकर्ता की तेज आवाज पसंद नहीं आई, और वे उसे बाहर निकालने लगे।

इसी दौरान सिटी सेंटर तहसीलदार कुलदीपक दुबे भी पहुंच गए और उन्होंने कथित तौर पर शिकायतकर्ता को खींचा और उसके साथ धक्का-मुक्की की। घटना का वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें तहसीलदारों का आक्रामक रवैया साफ दिखाई दे रहा है।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके साथ मारपीट की गई और दबाव में पुलिस बुलाकर उसे थाने ले जाया गया।

मिथुन परिहार ने कहा तीन साल से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, कार्रवाई कब होगी? आज जब मैंने सख्त लहजे में सवाल किया, तो मुझ पर हाथ उठाया गया। क्या जनता की आवाज उठाना अपराध है?

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