दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। कार बेचने-खरीदने के दलालों के जाल में फंसकर इंदौर के एक कारोबारी को 39 लाख रुपये और अपनी कार दोनों से हाथ धोना पड़ा। भरोसे पर किया गया सौदा न सिर्फ उसकी गाड़ी छीन ले गया, बल्कि तय शर्त के अनुसार एनओसी भी नहीं दी गई। लंबे इंतज़ार और बार-बार की गई मांग के बाद भी जब न कार मिली और न ही रुपये वापस, तो पीड़ित ने थक-हारकर पुलिस की शरण ली।
अधारताल पुलिस के अनुसार विजयनगर, इंदौर निवासी बिहारीलाल मित्तल ने मंगलवार को लिखित शिकायत दर्ज कराई कि वर्ष 2024 में उसकी पहचान भोपाल निवासी हासिम से हुई थी। हासिम से वाहन खरीदने को लेकर बातचीत हुई, जिसके बाद उसने जबलपुर के सैयद अली अब्बास नकवी उर्फ शिबू से सौदा कराने की बात कही।शिकायत के मुताबिक, 18 अप्रैल 2024 को अधारताल तिराहे के पास फार्च्यूनर कार (एमपी 20 ZL 2909) का विक्रय सौदा तय हुआ। सौदे के तहत मित्तल ने नकदी और ऑनलाइन मिलाकर 38 लाख 50 हजार रुपये का भुगतान किया। विक्रय पत्र में यह शर्त रखी गई थी कि छह माह के भीतर कार की एनओसी दी जाएगी।
लेकिन, तय समय बीत जाने के बाद भी शिबू ने एनओसी नहीं दी। उल्टा भरोसा दिलाकर कार वापस ले गया। मित्तल का आरोप है कि कई बार कहने के बावजूद आरोपी न तो कार लौटा रहा है, न ही एनओसी दे रहा है और न ही रुपये वापस कर रहा है।
पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अब यह देखना होगा कि 39 लाख की ठगी में फंसे इस मामले में आरोपी कब पुलिस की गिरफ्त में आते हैं।