दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। डुमना एयरपोर्ट के विस्तार पर 400 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होने के बावजूद जबलपुर से हवाई कनेक्टिविटी लगातार घट रही है। वर्तमान में एयरपोर्ट से केवल 9 फ्लाइटें ही संचालित हो रही हैं। इस मामले में नागरिक उपभोक्ता मंच की याचिका पर हस्तक्षेप करते हुए लाॅ छात्र पार्थ श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई। गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय, DGCA, एयरपोर्ट अथॉरिटी, डुमना एयरपोर्ट डायरेक्टर और प्रमुख एयरलाइंस कंपनियों को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब तलब किया।
लाॅ छात्र पार्थ श्रीवास्तव की ओर से सीनियर एडवोकेट आदित्य संघी ने दलील दी कि जबलपुर से सिर्फ 9 उड़ानें हैं, जबकि भोपाल से 50, इंदौर से 80 और ग्वालियर से 20 से ज्यादा फ्लाइट्स संचालित हो रही हैं। फ्लाइट की कमी के कारण मरीजों, डॉक्टरों और सुप्रीम कोर्ट जाने वाले अधिवक्ताओं को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके अलावा पास में मौजूद 4 नेशनल टाइगर रिजर्व और पर्यटन स्थलों की वजह से भी जबलपुर में हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाना जरूरी है।
चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने नोटिस जारी कर केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय, DGCA, एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया एक्सप्रेस से जवाब मांगा है।
12 अगस्त को भी हाईकोर्ट ने नागरिक उपभोक्ता मंच की याचिका पर एयरलाइंस से सवाल किया था कि डुमना एयरपोर्ट बंद क्यों न कर दिया जाए? तब एयरलाइंस ने ज्यादा टैक्स का हवाला देकर उड़ानें संचालित करने में असमर्थता जताई थी। पहले यहां से मुंबई, पुणे, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए सीधी फ्लाइट्स चलती थीं, लेकिन अब घटकर केवल 9 रह गई हैं।