दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। साढ़े चार सौ करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी जबलपुर का डुमना एयरपोर्ट यात्रियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। लगातार फ्लाइट्स बंद होने और एयर कनेक्टिविटी घटने पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी करते हुए कहा—“क्यों न डुमना एयरपोर्ट को ही बंद कर दिया जाए?”
कोर्ट ने विमान कंपनियों को इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं और सरकार से भी तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
जबलपुर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने 2024 में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि पहले जबलपुर से मुंबई, पुणे, कोलकाता और बेंगलुरु जैसी जगहों के लिए सीधी उड़ानें थीं, लेकिन अब धीरे-धीरे सभी फ्लाइट्स बंद हो गईं। हाल ही में भोपाल के लिए भी उड़ान सेवा रोक दी गई।
विमान कंपनियों का कहना है कि डुमना एयरपोर्ट पर टैक्स और चार्जेस अधिक हैं, जिससे फ्लाइट संचालन घाटे का सौदा साबित हो रहा है। सरकार ने दावा किया कि उसने कुछ सर्विस चार्ज घटाए हैं और एयरलाइंस को बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। साथ ही बताया कि फरवरी 2025 से नई योजना लागू होगी जिसमें रियायती दरों पर सुविधाएं दी जाएंगी।
हाईकोर्ट ने कहा कि ₹450 करोड़ खर्च करने के बाद भी अगर फ्लाइट्स नहीं चल रहीं, तो यह पैसे और संसाधनों की बर्बादी है।