दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। विजय नगर थाना क्षेत्र में 8 जून की रात हुई पत्थरबाजी और हमले की वारदात का शिकार बने शराब दुकान मैनेजर दिलीप सिंह सग्गू आखिरकार जिंदगी की जंग हार गए। करीब तीन महीने तक अस्पताल में मौत से जूझने के बाद शनिवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। दिलीप सिंह की मौत की खबर सामने आते ही न सिर्फ परिजनों में बल्कि रांझी क्षेत्र और सिख समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है।
पुलिस के मुताबिक, 8 जून की रात आईएसबीटी बस स्टैंड के पास स्थित शराब दुकान में 8 से 10 बदमाश पहुंचे थे। उन्होंने दुकान में जमकर तोड़फोड़ की और पत्थरबाजी शुरू कर दी। उपद्रव के दौरान दुकान के मैनेजर दिलीप सिंह सग्गू को पत्थरों और शराब की बोतलों से बुरी तरह मारा गया। सिर पर गंभीर चोट आने के कारण वे मौके पर ही बेहोश हो गए थे।
घटना के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया था कि सिर पर गहरी चोट लगने से वे कोमा में चले गए थे। तीन महीने तक लगातार इलाज के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और अंततः 13 सितंबर को उनकी मौत हो गई।
घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मुख्य आरोपियों की पहचान की थी। मदन जायसवाल, सत्यम पंडित और पीयूष चड़ार को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन हमले में शामिल बाकी आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इसको लेकर परिजनों और समाज के लोगों में पुलिस की कार्यशैली को लेकर गुस्सा है। उनका कहना है कि इतने समय बीत जाने के बाद भी सभी आरोपियों को गिरफ्तार न कर पाना गंभीर लापरवाही है।
मृतक दिलीप सिंह सग्गू न सिर्फ शराब दुकान के मैनेजर थे, बल्कि वे मन्नत वाली महाकाली समिति के कोषाध्यक्ष भी थे। समाजिक स्तर पर सक्रिय रहने वाले दिलीप सिंह की असमय मौत से रांझी क्षेत्र और सिख समुदाय में शोक की लहर है।परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय पर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया होता तो उन्हें न्याय का भरोसा रहता। अब वे आरोपियों की गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग कर रहे हैं। वहीं, समाज के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे।
थाना प्रभारी विजय नगर वीरेंद्र सिंह पवार ने बताया कि दिलीप सिंह की मौत के बाद मामले में धाराएं बढ़ाई गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। बचे हुए आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
