Jabalpur News: 24 घंटे में पांच घरों व दुकानों पर चोरों का धावा, लाखों के जेवर-नकदी उड़ाए

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर में अपराधियों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। बीते 24 घंटे में शहर के अलग-अलग थानों में पांच चोरी की वारदातें दर्ज की गईं। इन घटनाओं ने एक बार फिर पुलिस की गश्त और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर मामले में चोरों ने ताले काटकर घरों और दुकानों को निशाना बनाया और लाखों के जेवर व नगदी लेकर फरार हो गए।

1. माढोताल: सेवानिवृत्त दंपत्ति का घर सूना पाकर चोरों ने बोला धावा

विद्या सागर विहार कॉलोनी निवासी 75 वर्षीय फुल्लूलाल राय अपनी पत्नी संग उज्जैन महाकाल दर्शन के लिए घर बंद कर गए थे। लौटने पर उन्होंने देखा कि गेट और आलमारी के ताले टूटे हुए हैं। चोर सोने की पंचाली, कान के टॉप्स, अंगूठी, चांदी की पायल, सिक्के और करीब 5 हजार नकद चुरा ले गए।

2. रांझी: चाय-सिगरेट की टपरी को बनाया निशाना

अक्षय सोनकर की "सोनकर जी टी स्टाल" दुकान के ताले तोड़कर चोर सिगरेट, पान मसाला और कोल्ड ड्रिंक्स सहित करीब 10,500 रुपये का माल ले उड़े।

3. लार्डगंज: ड्राइवर के घर में सेंधमारी

ड्राइवर राकेश अग्रवाल के घर पर देर रात चोरों ने धावा बोला। आलमारी से सोने-चांदी के गहनों के अलावा 30 हजार रुपये नकद और जरूरी दस्तावेज चोरी हो गए।

4. लार्डगंज: रिटायर्ड शिक्षक के घर में चोरी

प्रदीप कुमार शर्मा परिवार संग बेटी को हायर एजुकेशन के लिए हैदराबाद गए थे। घर लौटने पर उन्होंने पाया कि मेनगेट और अंदरूनी ताले टूटे पड़े हैं। सोने की चूड़ी, हार, झुमके, अंगूठी, लाकेट और अन्य गहनों सहित हजारों की चोरी हो गई।

5. भेड़ाघाट: बुजुर्ग किसान के जेवर और नकदी पर हाथ साफ

80 वर्षीय कोमल प्रसाद पटैल रात को कमरे में सोए हुए थे। सुबह उठे तो पाया कि दरवाजे की कुंडी टूटी पड़ी है और रखी पेटी से सोने के मंगलसूत्र, झुमकी, चांदी के गहने और करीब 16 हजार रुपये नगदी चोरी हो गए।

पुलिस पर उठे सवाल

लगातार हो रही चोरी की वारदातों ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि पुलिस सिर्फ रिपोर्ट दर्ज करने तक सीमित है, जबकि चोर खुलेआम वारदातों को अंजाम देकर फरार हो रहे हैं।

शहरवासियों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर गश्त और निगरानी के बावजूद चोर बेखौफ क्यों हैं?

सवाल यह है कि जबलपुर पुलिस केवल कागजों में अपराध दर्ज करने तक ही सीमित रहेगी या फिर शहर में अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम भी उठाएगी?

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