दैनिक सांध्य बन्धु (एजेंसी) पुणे। पुणे के ऐतिहासिक शनिवारवाड़ा परिसर में तीन महिलाओं द्वारा नमाज अदा करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने तीन अज्ञात महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह घटना 18 अक्टूबर दोपहर करीब 1:45 बजे की बताई जा रही है।
वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी और कई हिंदू संगठनों ने शनिवारवाड़ा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। 19 अक्टूबर को संगठनों के सदस्यों ने उस स्थान पर ‘शुद्धिकरण पूजा’ भी की, जहां नमाज पढ़ी गई थी। इसके बाद पुलिस ने ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस के अनुसार, मामला प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल एवं अवशेष (AMASR) अधिनियम, 1959 के तहत दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शनिवारवाड़ा हिंदू शौर्य और मराठा गौरव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पूजा-पाठ या नमाज जैसे धार्मिक कर्मकांड केवल निर्धारित स्थलों पर ही होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हिंदू कार्यकर्ताओं ने इस पर आपत्ति जताई है, तो वह अनुचित नहीं है।
शनिवारवाड़ा का निर्माण पेशवा बाजीराव प्रथम ने 1736 में कराया था। यह पेशवा शक्ति का केंद्र और मराठा साम्राज्य की गौरवगाथा का प्रतीक रहा है। 1828 में लगी भीषण आग से यह महल नष्ट हो गया था, जिसके अवशेष आज भी इतिहास की गवाही देते हैं।