दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर में इस साल गोवर्धन पूजा का रंग महंगाई की मार से कुछ फीका नजर आया। हर साल की तरह इस बार भी यादव परिवार ने अपनी लाड़ली गाय ‘गौरी’ को सजाया, लेकिन इस बार उसकी सजावट में पहले जैसी चमक नहीं दिखी।
गौरी को हर साल गोवर्धन पूजा के दिन दुल्हन की तरह सजाया जाता है। चांदी के हार, पैजने, कान की झुमकी, तोड़न, मुकुट और सिंह कवर पहनाकर पूजा की जाती है। परिवार की मान्यता है कि गौरी देवी लक्ष्मी का प्रतीक है, इसलिए इस दिन उसकी विशेष पूजा-अर्चना कर स्वादिष्ट व्यंजन खिलाए जाते हैं।
परंतु इस बार चांदी के बढ़ते दाम और बाजार में चांदी की कमी के कारण गौरी के जेवरों में कोई नया इजाफा नहीं हो सका। परिवार ने बताया कि हर साल वे उसके जेवरों में कुछ न कुछ नया जोड़ते थे, लेकिन इस बार मजबूरीवश पिछले साल वाले ही गहनों से गौरी को सजाया गया।
गौरी के पालक अजय यादव और उनकी पत्नी स्नेह लता यादव ने बताया कि वे पिछले 10 वर्षों से इस परंपरा को निभा रहे हैं। अजय यादव का कहना है गौरी हमारे परिवार की सदस्य जैसी है, उसकी सेवा और पूजा हमारा धर्म है। इस बार भले ही जेवर न बढ़े हों, लेकिन श्रद्धा और प्यार पहले से कहीं ज्यादा है।
गांव में भी यादव परिवार की इस परंपरा की खूब चर्चा रहती है। लोग दूर-दूर से गौरी को देखने आते हैं और इस अनोखी आस्था को नमन करते हैं।
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