Jabalpur News: ई-अटेंडेंस से इनकार पर प्रिंसिपल ने दिया नोटिस, सरकारी शिक्षिका बोलीं – “मोबाइल मेरा, डेटा मेरा, थर्ड पार्टी एप को एक्सेस नहीं दूंगी”; जवाब ने सबको किया हैरान

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के लिए लागू किए गए ई-अटेंडेंस एप को लेकर जबलपुर से एक अनोखा मामला सामने आया है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, महाराजपुर की शिक्षिका ज्योति पांडे ने अपने निजी मोबाइल में “हमारे शिक्षक” एप डाउनलोड करने से इनकार कर दिया। जब प्राचार्य ने उन्हें नोटिस दिया, तो उनका जवाब इतना तर्कपूर्ण था कि मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया।

शिक्षिका बोलीं – “मोबाइल मेरा, डेटा मेरा, निजता पर किसी को अधिकार नहीं”

प्राचार्य द्वारा नोटिस मिलने के बाद शिक्षिका ज्योति पांडे ने व्हाट्सएप के जरिए अपना जवाब भेजते हुए लिखा मोबाइल मेरा है, डेटा मेरा है और उसमें मेरे परिवार की निजी तस्वीरें, बैंक से जुड़े अकाउंट और दस्तावेज हैं। ऐसे में मैं किसी थर्ड पार्टी एप को एक्सेस नहीं दे सकती।

उन्होंने आगे लिखा कि शासन ने उन्हें न तो मोबाइल उपलब्ध कराया है और न ही सिम कार्ड, ऐसे में निजी मोबाइल पर थर्ड पार्टी एप डाउनलोड करना डेटा चोरी और साइबर अपराध का खतरा बढ़ा सकता है।

चार शिक्षिकाओं को भेजा गया था नोटिस

महाराजपुर स्कूल की प्राचार्य ने वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के बाद चार शिक्षिकाओं को ई-अटेंडेंस न लगाने पर नोटिस जारी किया था। तीनों शिक्षिकाओं ने तकनीकी कारण बताए, जबकि ज्योति पांडे का जवाब सबसे अलग और तर्कसंगत था। उन्होंने अपने जवाब में लिखा 18 से 23 अक्टूबर तक दीपावली अवकाश के कारण उपस्थिति नहीं दर्ज की गई। शासन द्वारा डेटा सुरक्षा या क्षतिपूर्ति नीति स्पष्ट नहीं की गई है। मोबाइल बैंक खातों और आधार से लिंक है, जिससे वित्तीय धोखाधड़ी की आशंका रहती है। कई बार उन्हें अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए फोन घर पर छोड़ना पड़ता है। यदि शासन अलग मोबाइल और सिम दे, तो वे एप का उपयोग करने को तैयार हैं। 

यह मुद्दा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका के रूप में लंबित है।

शिक्षक संघ ने दिया समर्थन

आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल ने शिक्षिका के जवाब का समर्थन किया। उन्होंने कहा ज्योति पांडे ने जो कहा वह पूरी तरह उचित है। ई-अटेंडेंस एप के जरिए कई शिक्षकों का डेटा चोरी हुआ है, कुछ मामलों में बैंक खातों से पैसा भी निकला है। सरकार को शिक्षकों पर दबाव डालने के बजाय सुरक्षित विकल्प देना चाहिए। पटेल ने सुझाव दिया कि सरकार को वैकल्पिक उपस्थिति प्रणाली तैयार करनी चाहिए, ताकि शिक्षकों की निजता और साइबर सुरक्षा दोनों बनी रहे।

शिक्षा अधिकारी बोले – नियमों का पालन जरूरी

इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने कहा कि उन्हें इस विशेष नोटिस की जानकारी नहीं है, परंतु शासन के आदेशों का पालन हर हाल में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ई-अटेंडेंस को लेकर शासन ने जो नियम बनाए हैं, उनका पालन करना सभी शिक्षकों के लिए आवश्यक है। फिर भी इस प्रकरण पर जांच कर उचित निर्णय लिया जाएगा।


Post a Comment

Previous Post Next Post