दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। सोना और चांदी की कीमतों में पिछले एक हफ्ते से लगातार गिरावट जारी है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 अक्टूबर को सोना ₹935 सस्ता होकर ₹1,22,419 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। एक दिन पहले यानी 23 अक्टूबर को इसकी कीमत ₹1,23,354 थी। वहीं, चांदी ₹3,700 गिरकर ₹1,47,750 प्रति किलोग्राम पर आ गई। इस तरह, चांदी अपने ऊपरी स्तर ₹1,78,100 की तुलना में ₹30,350 सस्ती हो चुकी है।
सोने की कीमत बीते 7 दिनों में ₹8,455 तक गिर गई है। 17 अक्टूबर को यह ₹1,29,584 प्रति 10 ग्राम के सर्वाधिक स्तर पर था। IBJA के आंकड़ों में 3% GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स मार्जिन शामिल नहीं होते, इसलिए बाजार में रेट्स शहरों के हिसाब से अलग-अलग हैं।
बड़े ज्वेलर्स में 22 कैरेट सोने की मौजूदा कीमतों की बात करें तो तनिष्क में ₹1,15,400, कल्याण और मालाबार में ₹1,14,000, कार्टलेन में ₹1,16,590 और भीमा ज्वेलर्स में ₹1,13,180 प्रति 10 ग्राम है।
सोना-चांदी की गिरावट के मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, दीवाली और शादी जैसे त्योहारी सीजन के बाद सोने-चांदी की खरीदारी घटने से मांग कम हुई है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव में कमी आई है, जिससे सेफ-हेवन एसेट्स की मांग कमजोर हुई है। इसके अलावा, निवेशकों ने हाल की तेजी के बाद प्रॉफिट बुकिंग शुरू की है। टेक्निकल इंडिकेटर्स भी यह संकेत दे रहे थे कि बाजार ओवरबॉट जोन में है, जिससे बिकवाली बढ़ी।
इस साल अब तक सोना ₹46,257 और चांदी ₹61,733 महंगी
31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹76,162 का था, जो अब ₹1,22,419 हो गया है। इसी तरह एक किलो चांदी 86,017 रुपए से बढ़कर ₹1,47,750 प्रति किलो तक पहुंच चुकी है।
सोना खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
पहली बात, हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें ताकि शुद्धता की गारंटी बनी रहे। दूसरी बात, खरीदने से पहले सोने का वजन और दिन का भाव IBJA जैसी आधिकारिक वेबसाइट से क्रॉस चेक करें, क्योंकि 24K, 22K और 18K के भाव अलग-अलग होते हैं।
शहरों में सोने के अलग रेट्स की वजहें
देशभर में सोने की कीमतों में अंतर ट्रांसपोर्टेशन खर्च, स्थानीय डिमांड, ज्वेलरी एसोसिएशन द्वारा तय रेट्स और ज्वेलर्स के पुराने स्टॉक की लागत पर निर्भर करता है। दक्षिण भारत में अधिक खपत होने के कारण यहां रेट अपेक्षाकृत कम रहते हैं, जबकि छोटे शहरों में दाम अधिक होते हैं।
गिरते दामों के बावजूद निवेशक इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के रूप में देख रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर और ब्याज दरों में स्थिरता आती है तो आने वाले हफ्तों में सोने की कीमतों में फिर तेजी देखी जा सकती है।
.png)