दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर के सिहोरा वन परिक्षेत्र के ग्राम घुघरा में स्थित मेसर्स निसर्ग इस्पात प्रा. लि. कंपनी के परिसर में मृत पाए गए तेंदुए की मौत का राज अब खुल गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि तेंदुए की मौत विद्युत करंट लगने से हुई थी। यह घटना 24 अक्टूबर को सामने आई थी।
वन मंडल अधिकारी ऋषि मिश्रा ने बताया कि रविवार, 26 अक्टूबर को नानाजी देशमुख वेटनरी कॉलेज, स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ, फॉरेंसिक एंड हेल्थ, जबलपुर में तेंदुए का पोस्टमार्टम किया गया। रिपोर्ट में सामने आया कि तेंदुए के पंजों के नाखून निकले हुए थे और चार कैनाइन दांत टूटे हुए पाए गए हैं, जो इस बात की ओर संकेत करते हैं कि उसकी मौत से पहले संघर्ष हुआ था।
प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि तेंदुए की मृत्यु विद्युत करंट लगने से हुई। वन विभाग ने नियमानुसार मृत तेंदुए का शवदाह कर दिया और वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए कान्हा टाइगर रिजर्व, मंडला से आई डॉग स्क्वॉड टीम ने मौके पर पहुंचकर क्षेत्र की खोजबीन शुरू कर दी है। इसके साथ ही क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स, जबलपुर की विशेष टीम भी जांच में सहयोग कर रही है।वन विभाग अब इस बात की जांच कर रहा है कि तेंदुए को करंट लगने की यह घटना दुर्घटनावश थी या सुनियोजित शिकार का हिस्सा। फिलहाल, विभाग ने निसर्ग इस्पात कंपनी के परिसर में काम करने वालों से भी पूछताछ शुरू कर दी है।

