दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से 24 बच्चों की मौत के बाद तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के सभी उत्पादों पर रोक लगाई गई थी, लेकिन जबलपुर में अब भी इस कंपनी की दवाएं बाजार में बिकती पाई गई हैं। बुधवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कटारिया फार्मास्यूटिकल्स से श्रीसन फार्मा की 15 से अधिक दवाएं जब्त कीं।
ड्रग इंस्पेक्टर प्रवीण पटेल के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई के दौरान तहसीलदार भी मौके पर मौजूद रहे। टीम ने पहले से सील किए गए कार्यालय को खोलकर वहां रखे विक्रय दस्तावेजों और स्टॉक की जांच की। जांच में कोल्ड्रिफ सिरप समेत श्रीसन फार्मा की कई प्रतिबंधित दवाएं बरामद हुईं।
जब्त दवाओं के सैंपल भोपाल भेजे गए
ड्रग इंस्पेक्टर प्रवीण पटेल ने बताया कि जब्त की गई सभी दवाओं के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं। साथ ही, पूरा प्रकरण कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। जांच के दौरान दस्तावेज और रिकॉर्ड व्यवस्थित पाए गए, लेकिन प्रतिबंधित दवाओं की मौजूदगी के कारण यह कार्रवाई आवश्यक मानी गई।
कब क्या हुआ
3 अक्टूबर: एफडीए टीम ने नोदरा ब्रिज स्थित कटारिया फार्मास्यूटिकल में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की 66 बॉटल्स फ्रीज की थीं। इनमें से 16 जांच के लिए भेजी गईं। पता चला कि 660 बॉटल्स में से 594 छिंदवाड़ा भेजी गई थीं।
5 अक्टूबर: प्रशासन ने कटारिया फार्मास्यूटिकल्स के ऑफिस और गोदाम को सील कर दिया। जांच में सामने आया कि श्रीसन फार्मा की दवाएं जबलपुर में केवल इसी फर्म को भेजी जाती थीं, जहां से उन्हें अन्य विक्रेताओं को सप्लाई किया जाता था।
7 अक्टूबर: निरीक्षण में श्रीसन फार्मा की मल्टीविटामिन प्रोटीन सिरप दो दुकानों से बरामद हुई — शास्त्री ब्रिज स्थित संजय मेडिकल एजेंसी से 40 बॉटल्स और सिविक सेंटर स्थित भार्गव इंटरप्राइजेज से 16 बॉटल्स जब्त की गईं।
प्रशासन की सख्ती जारी
एफडीए का कहना है कि श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की सभी दवाओं पर प्रतिबंध के बावजूद स्टॉक मिलने पर आगे भी जांच और कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी। विभाग ने दवा विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि प्रतिबंधित कंपनियों के उत्पादों का भंडारण या विक्रय करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

