दैनिक सांध्य बन्धु (एजेंसी) पटना। मोकामा में आरजेडी नेता दुलारचंद यादव की हत्या मामले में बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह को रविवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने देर रात उन्हें उनके बाढ़ स्थित आवास से गिरफ्तार कर पटना लाया था। तीन महीने बाद अनंत सिंह एक बार फिर बेऊर जेल पहुंचे हैं। इससे पहले वे 6 अगस्त को मोकामा गोलीकांड मामले में बेऊर जेल से बाहर आए थे।
पुलिस रविवार को अनंत सिंह को ब्लैक स्कॉर्पियो में लेकर पटना सिविल कोर्ट पहुंची। इस दौरान उनकी तस्वीरें भी सामने आईं, जिसमें वे सफेद पैंट-शर्ट और काले चश्मे में दिखाई दिए। कोर्ट में पेशी के बाद न्यायाधीश ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में 150 पुलिसकर्मियों ने शनिवार देर रात अनंत सिंह को उनके बाढ़ थाना क्षेत्र के बेढ़ना में कारगिल चौक स्थित घर से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें रंगदारी सेल में रखा गया, जहां वे करीब 11 घंटे तक रहे। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने रातभर नींद नहीं ली और पुलिस से लगातार यही कहते रहे कि घटना के वक्त वे काफिले से आगे निकल चुके थे, पीछे क्या हुआ उन्हें जानकारी नहीं है।
घटना के बाद पटना डीएम डॉ. त्यागराजन और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। डीएम ने कहा कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या आचार संहिता के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिले में 50 से अधिक चेकिंग पॉइंट बनाए गए हैं और सभी वैध हथियारों के जमा करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि 30 अक्टूबर को मोकामा में दो प्रत्याशियों के समर्थकों में झड़प हुई थी, जिसमें 75 वर्षीय आरजेडी नेता दुलारचंद यादव की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनके शरीर पर कई गहरे घाव, पसलियों के टूटने और गोली लगने के निशान मिले हैं। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि घटना के समय अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे और उसी के बाद हिंसा हुई। पुलिस ने अनंत सिंह के साथ उनके सहयोगी मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया है।
इस मामले में अब तक कुल चार एफआईआर दर्ज की गई हैं—पहली दुलारचंद के पोते नीरज कुमार ने, दूसरी अनंत समर्थक जितेंद्र कुमार ने, जबकि तीसरी पुलिस ने अपने बयान पर दर्ज की। चौथी एफआईआर पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया के दौरान हुई झड़प को लेकर की गई है।
घटना के बाद चुनाव आयोग ने शनिवार देर शाम कार्रवाई करते हुए बाढ़ के एसडीएम चंदन कुमार, ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग और एसडीपीओ-1 राकेश कुमार को तत्काल हटा दिया। नई जिम्मेदारियां क्रमशः आईएएस आशीष कुमार, डीएसपी आनंद कुमार सिंह और एटीएस के डीएसपी आयुष श्रीवास्तव को सौंपी गई हैं।
दुलारचंद हत्याकांड ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। आरजेडी नेता के पोते नीरज कुमार ने कहा कि “फांसी के बाद ही दादा का ब्रह्मभोज करूंगा।” फिलहाल पटना पुलिस की टीम घटना से जुड़े वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है।
