दैनिक सांध्य बन्धु (एजेंसी) अहमदाबाद। 12 जून को हुए अहमदाबाद विमान हादसे को छह महीने बीत चुके हैं, लेकिन इस हादसे में इकलौते जीवित बचे विश्वास कुमार भालिया आज भी उस भयावह दिन की यादों से उबर नहीं पाए हैं। ब्रिटेन के लीसेस्टर में रह रहे विश्वास ने कहा “जिस दिन मैं बचा, वही दिन मेरे लिए चमत्कार भी था और सजा भी। अब मैं रोज मरता हूं।”
विश्वास हादसे में अपने भाई अजय भालिया को खो चुके हैं। अब वे मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं और पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) से जूझ रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें चलने-फिरने में तकलीफ है और वे अब भी मनोचिकित्सकीय इलाज ले रहे हैं।
परिवार और कारोबार दोनों बर्बाद
विश्वास के परिवार का दीव में मछली पालन का कारोबार था जो हादसे के बाद ठप हो गया है। परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है। उनके वकील रैड सीगर ने एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन से विशेष राहत पैकेज देने की अपील की है।
एअर इंडिया ने दिया 22 लाख का अंतरिम मुआवजा
विश्वास के परिवार को अब तक 21,500 पाउंड (करीब 22 लाख रुपए) का अंतरिम मुआवजा मिला है, लेकिन वकील का कहना है कि यह राशि उनके इलाज और मानसिक पुनर्वास के लिए बहुत कम है। ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) भी उन्हें पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं दे पा रही है।
हादसे का भय अब भी पीछा नहीं छोड़ता
विश्वास का कहना है कि वह अब घर से बाहर नहीं निकलते। पत्नी और बेटे से भी कम बात करते हैं। पिता रमेशभाई भालिया ने बताया विश्वास अब भी अपने कमरे में अकेले बैठा रहता है। उसे मानसिक आघात पहुंचा है। हादसे में उसका सगा भाई चला गया, जिससे वह अब तक उबर नहीं सका। चचेरे भाई सनी ने बताया कि विश्वास को रात में नींद नहीं आती, अक्सर डरकर उठ जाते हैं और फिर सो नहीं पाते।
PM मोदी ने भी की थी मुलाकात
हादसे के अगले दिन, 13 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल में विश्वास भालिया से मुलाकात कर उनका हाल जाना था। एअर इंडिया ने कहा – परिवारों के साथ संपर्क में हैं
एअर इंडिया की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि कंपनी हादसे से प्रभावित सभी परिवारों के संपर्क में है और 95% परिवारों को शुरुआती मुआवजा दिया जा चुका है। विश्वास के परिवार से भी मुलाकात का प्रस्ताव रखा गया है।
12 जून को एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। उड़ान के कुछ मिनट बाद ही विमान बीजे मेडिकल कॉलेज एंड सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल से टकरा गया। हादसे में 270 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 29 डॉक्टर और मेडिकल छात्र भी शामिल थे।
हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मृत्यु हुई थी। विमान में कुल 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स सवार थे। विश्वास सीट 11A पर बैठे थे और विमान के छेद से बाहर निकलकर किसी तरह जान बचाने में सफल हुए थे।
